कोई दीवाना कहता है ,कोई पागल समझता है
"कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ तू मुझसे दूर कैसी है
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है"
"मोहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है
कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है
यहाँ सब लोग कहते है मेरी आँखों में आंसू है
जो तू समझे तो मोती है जो ना समझे तो पानी है"
"समंदर पीर के अंदर है लेकिन रो नहीं सकता
ये आंसू प्यार का मोती है इसको खो नहीं सकता
मेरी चाहत को दुल्हन तूबना लेना मगर सुनले
जो मेरा हो नहीं पाया वो तेरा हो नहीं सकता "
"भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा
अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का
हम किस्से को हकीक़त में बदल बैठे तो हंगामा" ।
1 comment:
Vikash,I must praise u for your literary choice.
After a long time I recited Rashmirathi in full rythm.
Very good taste u have .Keep mit up.
Literature not for litratrary people but for common man also.It provides every thing joys,inspirations ,experiences ,every thing u wish so pl.enjoy and read.
With best wishes
\Dr.Bhoopendra
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