"तुम बिन जीवन कैसा जीवन" आज ये गाना सुन रहा था,प्रकृति ये तेरी कैसी विडंबना है.या तो किसी से मिलाओ मत अगर मिलाओ तो जुदा ना करो. आखे मे अश्रु अचानक ही आ जाते है. कभी कभी सोचता हू इन सब की ज़रूरत क्या थी, जीवन तो बिना लगाव के ही चल जाता. जब पूरा जीवन मृत्यु के तरफ बद्ने के सिवा कुछ नही है फिर आख़िर क्यो ये सब?
http://www.youtube.com/watch?v=-1HuXMzjHmQ&feature=fvsr